Analysis of प्यार
ये काहनी जब की जब दीपक 9 क्लास मे आया था आज उसको पहला दिन है नये क्लास का उसको डर लगा रहा है की आज क्लास में क्या होगा और कैसे लड़के मिलगे क्लास मे क्यू की 9 क्लास मे काफी बच्चो ने नैया स्कूल मे चले गए और उसमे से जादा तर दीपक के दोस्त भी थे इस लिया दीपक को नये क्लास मे जाने से डर लग रहा था पर वो कुछ हिम्मत कर के स्कूल चल जाता है अपनी क्लास मे चल जाता है जहा पर जादा तर नये बच्चे थे तो वो लिस्ट के जगह पर जा कर बैठ जाता है और दिरे दिरे सभी बच्चे क्लास मे आ जाते है उनमे से एक लड़का उसके पास आ कर बैठता है जो अपना नाम मोहित बता है उसके आगे मोहित के दोस्त होते है उनमे से एक का भाई पुरे स्कूल का डॉन था जिसकी वजह से सभी उस डरते थे उसका l अमन था ऐशी पहले दिन उसके काफी दोस्त बन गए जिसे उसको अच्छा लाने लगा कुछ देर में सर का आने का टाइम हो गया क्लास मे जब सर क्लास मे आ गए उननों पड़ना शुरू किये तो मोहित तो पड़ने मे ठीक था पर दीपक भी पर अमन पड़ने मे ठीक नही था और वो क्लास मे सुने लगा गए जैसे ही सर ने देखा की अमन सो रहा है सर ने उसको बुलाया और जो सर ने पड़या था उसके बारे मे पूछा पर अमन का दिया पड़ी मे तो था नही इस लिया उसको कुछ नही पता था तो सर ने उसको क्लास के बाहर कर दिया जिसके बाद सर ने उसके बगल में जो बैठा था उसे पूछा और वो भी नही बता पाया तो सर ने भी उसको बाहर कर दिया उसके बाद दीपक से पूछा तो दीपक ने बता दिया और सिर ने दीपक को बेटने को बोल दिया और जब सर ने मोहित से पूछा तो मोहित ने नही बता पाए दीपक ये देखे कर सोच मे था की मोहित को पता है फिर भी उसने बतया क्यू नही मोहित के ना बने की वजह से उसको क्लास से बाहर कर दिया अमन के पास और मे ये देखा कर बहुत हैरान था की मोहित बाहर जाते ही बहुत खुश है पर ऐसा क्यू कुछ देर बाद सर चले गये जिसके बाद मोहित और नाम क्लास मे आये जब मन मोहित से पूछा की मोहित बाहर जाते टाइम तुम इतने खुश क्यू थे मजे करे के लिया गया था मे दीपक क्यू की उस टाइम सभी अपनी क्लास मे होते है और तुम भी अकेला होते हो पूरे स्कूल मे न तुमे कोई रोकने वाला ना बोलने वाला बहुत मजा आता है बाहर गुमने में दीपक के मन मे भी गुमने का मन हो रहा था पर उसको डर भी लगा रहा था कुछ ही देर मे लंच टाइम हो गया और मोहित और अमन ने मेरा से बोल की चलगा बाहर कुछ खाने के लिया मे डर गया क्यू की स्कूल मे अपने के बाद जब तक घर जाने का टाइम ना हो स्कूल गेट बंद रहता है तो फिर अमन और मोहित बाहर कैसे जाए गए मे ये सोचने लगा गए था की तभी मोहित ने बोल चल रहा है की नही तो मैने डर की वजह से मन कर दिया तब मोहित और अमन स्कूल के बाहर चले गये थे कुछ देर मे लांच ख़तम होने की गंटी बजी और अभी तक मोहित और अमन आये नही थे थे क्लास मे कुछ देर में सर भी आ गये क्लास में तभी कुछ देर बाद मोहित आया क्लास मे और आ कर मेरा पास बैठ गए जब मैने उसे पीछा की अमन कहा है तो उसने जो बोल वो सुना कर मेरी बोलती बंद हो गई उसने बतया की वो अपने घर गए हुआ है और जब मैने उसे पूछा की उसका बाग कौन ले जायेगा तो उसने बताया मे ले जग उसका बैग वो मुझ स्कूल के बाहर मिल जाएगा दीपक ने मोहित से बोल ऐसा भी होता है क्या तो फिर मोहित ने बतया हा दीपक ऐसा भी होता है इसमें बहुत मजा आता है कुछ देर मे घर जाने का टाइम हो गया मोहित ने अमन का बैग अपने बैग में रखा रखा था जैसे ही हम स्कूल के बाहर आये तो हमे अमन मिल जो घर के कपड़ो में था तब फिर मोहित ने अमन का बैग उसको दिया और फिर हम अपने घर की तेरा चल दिया तब मोहित ने दीपक से बोला यार तुझे ये सब नही आता क्या तो दीपक ने बोला क्या तो मोहित ने बोला मजे करना और क्या दीपक ने बोला नही आज तक मैने ऐसा कभी नही किया है मोहित ने बोला चला ठीक है कल से में तुझे मजे करना सीखुग दीपक ने बोला मोहित मुझे डर लगता है कही घर पर पता चला गया तो पापा बहुत डाटेंगे मोहित ने बोला डर मत मे हु ने आज तक तो मुझे कुछ नही हुआ है बात करते करते मोहित का घर आ जाता है वो अपने घर चला जाता है दीपक जब अपने घर जा रहा था तो उसके घर जाने के रास्ते मे एक दुकान थी जिसमे आज लड़की काम करती थी और दीपक रोज उसको देखता था और जब भी उसके पास पैसा होते थे उसका नाम आँशु था और वो उसको पसन्द करता है आज तक उसने कभी भी बतया नही आँशु को की में कितना पसन्द करता हु आँशु जहा जहा पर जाती थी दीपक उसको पीछे पीछे जाता था और कभी भी उसको पता नही लगे दिया की दीपक आँशु के पीछे है जब दीपक आँशु की दुकान से कुछ ले रहा था की अनक से उसको एक दोस्त आ गया और उसने दीपक से वाला मैने तुझे हर जगह देखा लिया पर तु कही नहीं मिला उसके बाद याद आया की हो न हो तू यही मिले गा ये सुना कर आँशु दीपक और उसके दोस्त को देखा रही थी की तभी दीपक अपने दोस्त को ले कर वह से चला जाता है कुछ दूर पोहचने के बाद दीपक अपने दोस्त पर गुस्सा होता है की तूने ये क्या बोला दिया अब तो मे उसके सामने भी नही जा पग कुछ देर अपने दोस्त पर गुस्सा होने के बाद दीपक बोलता है की किस किया ढुंढ रहा था तू मुझे तो उसके दोस्त ने बोला आज मेरा घर पर पार्टी है इस लिया तुझे बुलाने आया था पर अब लगता है तू नही आयेगा चला कोई बात नही और दोस्त आ रहे है अगर तुझे आना हो तो आ जियो ये बोल कर उसका दोस्त चला जाता है दीपक अपने घर जाता है और वो हुआ उसके बारे मे सोचता है और उसके बाद ये भी सोचता है जो होता था हो गया चला पार्टी में चलते और वह पर और भी दोस्त आये होने उनसे मिले हुआ बहुत टाइम हो गया ये सोचा कर वो तियार होने के लिया चला जाता है
Scheme | A |
---|---|
Poetic Form | Palindrome |
Metre | 1 |
Characters | 11,561 |
Words | 1,148 |
Sentences | 1 |
Stanzas | 1 |
Stanza Lengths | 1 |
Lines Amount | 1 |
Letters per line (avg) | 3 |
Words per line (avg) | 1,154 |
Letters per stanza (avg) | 3 |
Words per stanza (avg) | 1,154 |
Font size:
Written on August 24, 2022
Submitted by Demon on August 24, 2022
Modified on March 05, 2023
- 5:44 min read
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Style:MLAChicagoAPA
"प्यार" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 30 Apr. 2024. <https://www.poetry.com/poem-analysis/134759/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0>.
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