Analysis of क्षमता सुनने क
छोटी कलि के रूप में जन्मे हम बेटियां ,
फूलो की तरह महकती है ,
उनकी लंबी लंबी बातो से चहकने की आदतें ,
हर पल सबका मन मोहती है ,
कब उस डाली से टूटने का समय आ गया ,
पल भर सा लगता है ,
फिर उड़ जाना है उसे ,
जो उसका नया किनारा है ।
क्षमता सुनने की
लिया उसने दूसरा जन्म कई सालो के बाद ,
चली फर अपनी जिंदगी फिर जीने नए लोगो के साथ ,
पुराने रि�
्तों को संजोए मन के एक कोने में ,
भिकरती रही खु�
ियां उस नए पिंजरे में ,
तिनकों सा चुग कर लाती पल पल प्यार ,
रस की तरह मुस्कुराती थी उसकी मुस्कान ।
क्षमता सुनने की
पिछले जन्म के उन पुराने रि�
्तों में ,
पाए उसने बहुत मान सम्मान ,
फिर क्या हो गया इस जगत में की ,
कई बार बिखर जाते उसका वही मान ,
मन में बहुत चुभता था उसको ,
जैसे हो सुई की नोक ,
बिना गलती के भी सुनती जैसे टोक ।
क्षमता सुनने की
अरमान थे जो नए कदम के ,
की घर घर खेलेगी ,
चाहे फिर उसका मायका , ससुराल , या हो सहेली ,
उस मिट्टी के घर की तरह सब बिखर के रह गए सपने ,
हर रोज बहुत याद आते उसे अपने वही अपने ।
क्षमता सुनने की
कहा उसने आधी उम्र में आसू न बहाए होंगे ,
ससुराल में कुछ पल कुछ दिन भी ठीक से न मुस्कुराए होंगे,
आसू बहाना तो जैसे हो गया हर रोज का काम ,
फिर भी हर पल होता उसी का नाम बदनाम ,
दूसरो के सामने यू अपनी इज्जत उछलते देखा करती ,
अपने मां पापा की को�
ि�
ों को बेइज्जत होते देखा करती ।
क्षमता सुनने की
खुद के गम के घूट तो पी जाती थी वो फिर भी रो रो कर ,
अपने परिवार की बेइज्जत बाते ना निकल रही मन से बाहर ,
अरे उस घर लाए उसके पहले कितने सपने दिखाए ,
पर वो सब दिखावटी थी यह समझ न पाए ।
क्षमता सुनने की
साथ पाना था जिसका पा लिया उसने ,
सब कुछ सुनती रहती है बस उसके खातिर ,
प्यार वो बस करती है उसके परिवार और साथी से ,
न चाहते हुए भी न अपना पा रही सबको अब वो ,
पल पल की हर पल की हर बात याद है मुहजुबानी उसको ,
क्या पता केसे निकलेगी खुद के मन से उसको ।
क्षमता सुनने की
धन्य भाग उसके जो प्यारा जीवन साथी मिला ,
जो उसके �
ोक उसका मन की बात समझता चला ,
उसका साथ ही है अब सब कुछ उसका ,
नही रह पाएगी उसके बिना वो एक भी पल ,
उसको साथ चाहिए उसका हमे�
ा हर पल।
Scheme | |
---|---|
Poetic Form | Palindrome |
Metre | 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 |
Characters | 4,587 |
Words | 473 |
Sentences | 1 |
Stanzas | 8 |
Stanza Lengths | 8, 9, 9, 6, 9, 5, 7, 8 |
Lines Amount | 61 |
Letters per line (avg) | 0 |
Words per line (avg) | 8 |
Letters per stanza (avg) | 0 |
Words per stanza (avg) | 58 |
About this poem
लड़किया जो � ादी के बाद ससुराल जाती है और वह जाकर अपने ससुराल में मायके सा प्यार नही पा पाती।
Font size:
Written on May 04, 2022
Submitted by poojajhanwarace on May 04, 2022
Modified on March 05, 2023
- 2:22 min read
- 1 View
Citation
Use the citation below to add this poem analysis to your bibliography:
Style:MLAChicagoAPA
"क्षमता सुनने क" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 22 Jun 2024. <https://www.poetry.com/poem-analysis/129533/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%AE%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95>.
Discuss this Pooja Maheshwari poem analysis with the community:
Report Comment
We're doing our best to make sure our content is useful, accurate and safe.
If by any chance you spot an inappropriate comment while navigating through our website please use this form to let us know, and we'll take care of it shortly.
Attachment
You need to be logged in to favorite.
Log In